Rajyasabha सभापति पर विपक्ष का अविश्वास
भाजपा ने मामले को हरियाणवी अस्मिता, किसान का बेटा और जाट समाज से जोड़ दिया है
राज्यसभा के सभापति यानी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस तो दे दिया है लेकिन इसमें उसी की किरकिरी हो रही है, दरअसल किसानों के मामले में जब उन्होंने कृषि मंत्री से सवाल पूछा था तो विपक्ष खुश होकर उन्हें अपने खेमे में मानने लगा था और उनकी कही बात को खुद विपक्ष फैला रहा था कि लीजिए उपराष्ट्रपति ने ही कृषि मंत्री से सवाल पूछ डाला, इस बात को दो दिन ही बीते थे कि विपक्ष इस बात पर उतर आया कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की बात कही जाने लगी. ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि विपक्ष तब सही था या अब सही है, चूंकि कांग्रेस का दावा है कि जब से धनखड़ राज्यसभा के सभापति बने हैं तभी से वो विपक्ष को दबाते रहे हैं. भारतीय संसद के इतिहास में यह पहला मौका है जब राज्यसभा सभापति के खिलाफ अविश्वास नोटिस आया है ऐसे में विपक्ष को यह भी बताना होगा कि आखिर ऐसा क्या हो गया जो इस तरह का अभूतपूर्व कदम उठाना पड़ा.
जहां तक पक्षपात या विपक्ष की नहीं सुनने की बात है तो ऐसे आरोप हर आंसदी को लेकर कभी कभी सामने आते रहे हैं और इसे विपक्ष का एक आम मुद्दा माना जाता है. दूसरी तरफ भाजपा ने इस मुद्दे को हरियाणा, जाट और किसान की इज्जत से जोड़कर बात उलट दी है. भाजपा का कहना है कि पहली बार कोई जाट, किसान और हरियाणवी इस ऊंचाई तक पहुंचा है इसलिए विपक्ष को यह बात हजम नहीं हो रही है.