Adani को लेकर सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका
क्या वाकई अडानी को समन मिला भी है?
अमेरिका के एसईसी द्वारा उद्योगपति गौतम अडानी को भेजे गए समन के मामले में यह बात सामने आई है कि इस विभाग यानी एसईसी को विदेशी नागरिक को सीधे समन भेजने का कोई अधिकार ही नहीं है. दरअसल सवाल यह था कि क्या अडानी को सोलर एनर्जी से संबंधित कॉन्ट्रैक्ट के लिए घूस वाले आरोपों पर सीधे समन भेजने की कार्रवाई एसईसी कर सकती है और इसका जवाब ना में है. इसकी पूरी प्रक्रिया यह है कि एसईसी इसके लिए अमेरिका में भारतीय दूतावास के माध्यम से अनुरोध भेजे और भी कुछ राजनयिक औपचारिकताओं के प्रोटोकॉल पूरे करे तब जाकर गौतम अडानी तक कोई समन पहुंचाया जा सकता है.
चूंकि एसईसी के पास विदेशी नागरिकों को सीधे समन करने का कोई न्यायिक अधिकार नहीं है इसलिए वह समन या नोटिस उन्हें सीधे डाक से नहीं भेज सकता है. ऐसे मामलों में 1965 के हेग कन्वेंशन और भारत- अमेरिका के बीच की कानूनी सहायता संधि लागू होती हैं. इनमें समन के लिए स्थापित प्रक्रिया का उल्लेख है. अडानी के मामले में समन की बात उस कानूनी दस्तावेज का हिस्सा है जिसे एसईसी ने न्यूयॉर्क की अदालत में दायर किया है, इससे जुड़ा समन अडानी तक पहुंचने में कुछ समय लगेगा. इस बीच भारत में अडानी के खिलाफ जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है. यह याचिका अडानी द्वारा स्टॉक कीमतों में हेरफेर व हिंडनबर्ग के संबंध में याचिकाओं के लिए अंतरिम आवेदन बतौर दायर की गई है.